महेंद्रगढ़ जिले के कोरियावास गांव में नए निर्मित सरकारी मेडिकल कॉलेज के नामकरण पर एक ताजा विवाद पैदा हो गया है। पिछले छह दिनों से, ग्रामीण कॉलेज के बाहर एक अनिश्चित काल का मंचन कर रहे हैं, यह मांग करते हुए कि संस्था का नाम बदल दिया जाए।
कोरियावास गांव में विरोध प्रदर्शन ने क्या किया?
कॉलेज के आधिकारिक तौर पर महर्षि चवां गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज नामित होने के बाद विरोध शुरू हुआ। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने नाम को अंतिम रूप देने से पहले उनसे या ग्राम पंचायत से परामर्श नहीं किया। वे दावा करते हैं कि पंचायत ने परियोजना के लिए 80 एकड़ जमीन दान की और नामकरण प्रक्रिया में शामिल होने की उम्मीद की।
ग्रामीण क्यों चाहते हैं कि कॉलेज का नाम राव तुला राम के नाम पर रखा जाए?
प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि कॉलेज का नाम शहीद राव तुला राम के नाम पर रखा जाए, जो इस क्षेत्र से श्रद्धेय स्वतंत्रता सेनानी है। उन्होंने 1857 के विद्रोह के दौरान नासिबपुर की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हरियाणा में वीरता, देशभक्ति और क्षेत्रीय गौरव का प्रतीक माना जाता है।
ग्रामीणों ने क्या कार्रवाई की है?
5 मई को, ग्रामीणों ने कॉलेज के साइनेज को नुकसान पहुंचाया और प्रवेश द्वार पर एक विरोध तम्बू स्थापित किया। तब से, वे सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक दैनिक विरोध कर रहे हैं। वे अपने आंदोलन को मजबूत करने के लिए पड़ोसी गांवों से समर्थन जुटाने की भी योजना बनाते हैं।
कॉलेज प्रशासन ने कैसे जवाब दिया है?
कॉलेज प्रशासन ने कहा कि संस्था का नाम बहुत समय पहले महर्षि चवन के नाम पर रखा गया था। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर चिंता व्यक्त करते हुए, अधिकारियों ने पुलिस की शिकायत दर्ज की। 10 से 15 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है। सदर पुलिस स्टेशन के SHO, उप-निरीक्षक धर्मबीर सिंह ने कहा कि तस्वीरों और वीडियो फुटेज का उपयोग करके दोषियों की पहचान करने के प्रयास चल रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज कब चालू हो गया?
कॉलेज ने 1 मई को काम करना शुरू कर दिया, जिसमें दवा, ईएनटी, आर्थोपेडिक्स और मनोचिकित्सा जैसे प्रमुख विभागों में ओपीडी सेवाएं शुरू हुईं। सरकार द्वारा नियुक्त डॉक्टर वर्तमान में ओपीडी का प्रबंधन करते हैं, जो रोजाना सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक संचालित होता है। निदान और उपचार सेवाओं का विस्तार करने के लिए योजनाएं हैं।
परियोजना की लागत और गुंजाइश क्या है?
दिसंबर 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा आधारशिला रखी गई थी। 2019 में 500 करोड़ रुपये के शुरुआती बजट के साथ निर्माण शुरू हुआ, जो बाद में 725 करोड़ रुपये तक बढ़ गया। कॉलेज में 76 एकड़ जमीन है।