जयपुर, पिंकफेस्ट 2025 में कला, संस्कृति और डिजाइन का त्योहार अपने चौथे संस्करण के एक सफल समापन के साथ संपन्न हुआ।
जयपुर, पिंकफेस्ट 2025 में कला, संस्कृति और डिजाइन का त्योहार अपने चौथे संस्करण के एक सफल समापन के साथ संपन्न हुआ। भारत और विदेश के प्रसिद्ध कलाकारों, लेखकों और वक्ताओं ने राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में 21 से 23 फरवरी तक आयोजित इस तीन दिवसीय त्योहार में भाग लिया।
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शास्त्रीय नृत्य, लोक संगीत, स्टोरी टेलिंग सहित कई आकर्षक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।
समापन दिवस पर, ‘श्रीशती मंडपम’ – मंडप ऑफ कॉस्मॉस प्रदर्शनी, ‘पिकासो’ प्रदर्शनी, थिएटर वर्कशॉप और ‘अल्बेला विलेज’ का मंचन किया गया। हास्य और व्यंग्य से भरा इस नाटक ने भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। समर्थ, आशीष, शबाना और गगन मिश्रा इसके रचनाकार थे, जबकि गगन मिश्रा ने तकनीकी निर्देशक की भूमिका निभाई थी।

शास्त्रीय प्रदर्शन ‘Nrityatman’ – जॉय ऑफ डांस और ‘नवपालव’ ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके अलावा, शास्त्रीय प्रदर्शन ‘नारिटीमतन’ – जॉय ऑफ डांस और ‘नवपलव’ ने मेहा झा, रश्मि उप्पल, स्वाति गर्ग और संगीत सिंघल के शिष्यों द्वारा दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भारतीय संस्कृति और इसकी विकास यात्रा पर चर्चा, रीला हो हो हो हो हो, एनके भास्करन, प्रेर्ना श्रीमाली, राजेंद्र खंगारोट और चिन्मय मेहता ने भाग लिया।
नृत्य कला की भव्यता शास्त्रीय नृत्य प्रदर्शन में देखी गई थी। प्रसिद्ध नर्तक स्वाति अग्रवाल ने कहा, “नृत्य एक अभ्यास है जो जीवन में अनुशासन लाता है। यह केवल एक कला नहीं है, बल्कि आत्म-प्राप्ति और आध्यात्मिकता का एक माध्यम भी है।”
इस तीन -दिन के त्योहार में, विश्व भारती संटीनिकेतन, रवींद्र भारती विश्वविद्यालय कोलकाता, कोलकाता आर्ट कॉलेज, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, बड़ौदा कॉलेज ऑफ आर्ट और दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट जैसे प्रतिष्ठित कला संस्थानों की प्रदर्शनी में आकर्षण केंद्र था।
पिंकफेस्ट 2025 ने कला, रंग, राग, रस और शब्दों का एक अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। यह त्योहार कला प्रेमियों, कलाकारों, लेखकों और विचारकों के लिए एक वैश्विक मंच साबित हुआ। जयपुर की भूमि पर आयोजित इस त्योहार ने आगामी संस्करण के लिए नई ऊर्जा और उत्साह को प्रभावित किया।