अगंजर महादेव सेवा समिति के एक सदस्य ने मैनहात का आरोप लगाया।
नशा और भूमि घोटाले का मामला खनीयारा के अगंजार महादेव मंदिर में प्रकाश में आया है। अगंजार महादेव सेवा समिति ने इस मामले में प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। समिति के महासचिव मोहिंद्रा अवस्थी के अनुसार, मंदिर परिसर नशेड़ी का एक केंद्र बन गया है। श
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मंदिर की पवित्रता विरोधी -विरोधी तत्वों की गतिविधियों के कारण खतरे में है। मंदिर की संपत्ति से संबंधित एक बड़ा घोटाला भी सामने आया है। मंदिर के नाम पर कुल 381 कनाल भूमि है। इसमें से, लगभग 200 कनाल भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। यह व्यवसाय उपायुक्त के पूर्व आदेशों का उल्लंघन है।
2018 में नियुक्त माहंत राजेश गिरि पर कंगरा के निवासी को करोड़ रुपये के एक मंदिर भूमि को बेचने का आरोप है। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि राजेश गिरि को 1992 में तत्कालीन डीसी कंगरा द्वारा पद से हटा दिया गया था। इसके बावजूद, उसके कायाकल्प पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
मंदिर परिसर में नशे पर प्रतिबंध की मांग सेवा समिति ने मंदिर परिसर में नशे पर प्रतिबंध की मांग की है, भूमि लेनदेन की उच्च जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की। इसी समय, ट्रस्ट के नियंत्रण में मंदिर की संपत्ति लाने और स्थानीय समिति को सक्रिय भूमिका देने की मांग की गई है।
स्थानीय लोगों और भक्तों ने भी प्रशासन से मांग की है कि धार्मिक स्थानों की गरिमा को बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। वह कहते हैं कि अगर कार्रवाई समय पर नहीं की जाती है, तो स्थिति खराब हो सकती है। सेवा समिति के मुख्य सलाहकार, कार्यकारी सदस्य सुभाष, अधिवक्ता चंद्र शेखर महाजन और राम चंद के मुख्य सलाहकार इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित थे।