MLA BADSAR INDRADATTA LAKHANPAL।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने होम रहने की नीति में एक बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने घर में रहने की पंजीकरण शुल्क को 100 रुपये से 15,000 रुपये तक बढ़ा दिया है। इसके अलावा, जीएसटी के दायरे में घर में रहने को लाया गया है।
,
इस फैसले का विपक्षी पार्टी के भाजपा ने कड़ा विरोध किया है। भाजपा के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि यह निर्णय गरीबों, किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए अन्याय है। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण पर्यटन को बहुत नुकसान होगा। लखनपाल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू से पूछताछ की है कि गरीब परिवार कैसे इतनी बड़ी फीस का भुगतान कर पाएंगे।
वे आरोप लगाते हैं कि सरकार अपने पसंदीदा को लाभान्वित करने के लिए काम कर रही है। इस नीति से हजारों परिवार प्रभावित होंगे। ये वे परिवार हैं जिन्होंने अपने घरों को घर में रहने में बदल दिया है। भारी पंजीकरण शुल्क और जीएसटी के कारण, गरीब और मध्यम वर्ग के लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
निर्णय वापस लेने की मांग भाजपा ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि फैसला वापस नहीं लिया जाता है, तो यह सड़क से विधानसभा तक इसका विरोध करेगा। विपक्ष की मांग है कि होम स्टे पंजीकरण शुल्क फिर से 100 रुपये हो और इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए।